कैसे बयाँ करे आलम दिल की बेबसी का,
वो क्या समझे दर्द आँखो की इस नमी का,
उनके चाहने वाले इतने हो गए हैं अब कि,
उन्हे अब ऐहसास ही नहीं हमारी कमी का।।
निकले जब आँसू उसकी आँखो से,
तो दिल करता है दुनिया जला दूँ,
फिर सोचता हूँ, होंगे दुनिया मे उसके कुछ अपने,
कहीं अँजाने में उसे दोबारा ना रुला दूँ।।
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है ये सनम,
जिसका रास्ता बहुत खराब है,
मेरे ज़ख्म का अँदाज़ा तू ना लगा,
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।।
तेरे प्यार का सिला हर हाल में देंगे,
खुदा भी माँगे ये दिल तो टाल देँगे,
अगर दिल ने कहा तुम बेवफ़ा हो,
तो इस दिल को भी सीने से निकाल देँगे।।
दर्द कितना है बता नहीं सकते,
ज़ख़्म कितने हैं दिखा नहीं सकते,
आँखो से समझ सको तो समझ लो,
आँसू गिरे हैं कितने गिना नहीं सकते।।
Gam Bhari Shayari
किस दर्द को लिखते हो इतना डूब कर,
इक नया दर्द दे दिया है उसने ये पूछकर।।
ना तस्वीर है तुम्हारी जो दीदार किया जाऐ,
ना तुम हो मेरे पास जो प्यार किया जाऐ,
ऐ कौन सा दर्द दिया है तुमने ये सनम,
ना कुछ कहा जाए ना तुम बिन रहा जाऐ।।
बिखरा वजूद, टूटे ख़्वाब, सुलगती तन्हाईयाँ,
कितने हसीन तोहफे दे जाती है ऐ मोहब्ब्त।।
हाल-ए-दिल अपना क्या सुनाय आपको,
ग़म से बाते करना आदत है हमारी,
लोग मरते हैं सिर्फ एक बार सनम,
रोज पल-पल मरना किस्मत है हमारी।।
ग़म इसका नहीं कि तू मेरा ना हो सका,
मेरी मोहब्ब्त में मेरा सहारा ना बन सका,
ग़म तो इसका भी नहीं कि सुकून दिल का लुट गया,
ग़म तो इसका है कि मोहब्ब्त से भरोसा ही उठ गया।।
Gam Shayari
वो करीब ही ना आए तो इजहार क्या करते,
खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते,
मर गए पर खुली रखी आँखे,
इससे ज्यादा किसी का इन्तजार क्या करते।।
कितना और दर्द देगा बस इतना बता दे,
एसा कर ये खुदा मेरी हस्ती मिटा दे,
यूँ घुट-घुट के जीने से तो मौत बेहतर है,
मैं कभी ना जागू मुझे ऐसी नीन्द सुला दे।।
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प्यार मोहब्ब्त का सिला कुछ नहीं,
इक दर्द के सिवा मिला कुछ नहीं,
सारे अरमान जल कर ख़ाक हो गए,
लोग फिर भी कहते हैं जला कुछ भी नहीं।।
बिछड़ गए हैं जो उनका साथ क्या माँगू,
ज़रा सी उम्र बाकी है इस गम से निजात क्या माँगू,
वो साथ होते तो होती ज़रूरतेँ भी हमें,
अपने अकेले के लिए कायनात क्या माँगू।।
रात को सोते हुय एक बेवजह सा ख्याल आया,
सुबह न जाग पाऊँ तो क्या उसे खबर मिलेगी कभी।।
Gam Ki Shayari
जो नजर से गुजर जाया करते हैं,
वो सितारे अक्सर टूट जाया करते हैं,
कुछ लोग दर्द को बयान नहीं होने देते,
वो बस चुपचाप बिखर जाया करते हैं ।।
दिल मेरा जो अगर रोया ना होता,
हमने भी आँखो को भिगोया ना होता,
दो पल की हँसी में छुपा लेता गमो को,
ख्वाब की हकीकत को जो सँजोया नहीं होता।।
खुशीयों की मँजिल ढुँढी तो गम की गर्द मिली,
चाहत के नगमें चाहे तो आहे सर्द मिली,
दिल के बोझ को दुना कर गया, जो गमखार मिला।।
वो नाराज हैं हमसे कि हम कुछ लिखते नहीं,
कहाँ से लाए लफ्ज जब हमको मिलते नहीं,
दर्द की जुबान होती तो बता देते शायद,
वो जख्म कैसे दिखाए जो दिखते नहीं।।
मस्लहत के धागो ने होंठ सी दिए मेरे,
वरना अपने टूटने का किस को ग़म नहीं होता।।
Shayari Gam Bhari
तुझको पा कर भी ना कम हो सकी बेताबी दिल की,
इतना आसान तेरे इश्क का गम था ही नहीं।।
मेरा खयाल जेहन से मिटा भी ना सकोगे,
एक बार जो तुम मेरे गम से मिलोगे,
तो सारी उम्र मुस्करा ना सकोगे।।
वक़्त-ए-रुख्सत कह रहे थे मेरे आँसू आँचल से,
उसको ग़म था इतना कि वो खुद रोना भूल गया।।
हर सितम सह कर कितने ग़म छिपाऐ हमने,
तेरी खातिर हर दिन आँसू बहाऐ हमने,
तू छोड़ गया जहाँ हमें राहो में अकेला,
बस तेरे दिए ज़ख्म हर एक से छिपाए हमने।।
अनजाने में यू ही हम दिल गँवा बैठे,
इस प्यार में कैसे धोखा खा बैठे,
उनसे क्या गिला करें, भूल तो हमारी थी,
जो बिना दिल वालो से ही दिल लगा बैठे।।
Gam Shayari Hindi
कभी-कभी मोहब्ब्त में वादे टूट जाते हैं ,
इश्क़ के कच्चे धागे टूट जाते हैं ,
झूठ बोलता होगा कभी चान्द भी,
इसलिए तो रुठकर तारे टूट जाते हैं ।।